लेखनी प्रतियोगिता -19-Jul-2022
कहीं उगती हैं, दुनिया कहीं सँजोती हैं
बेटियां धान के पौधों की तरह होती हैं।
महकते फूल भी इतने कभी सुंदर नहीं होते
जहां पर बेटियां न हों वो पूरे घर नहीं होते।
हाथ थामकर अनजाने रस्तों पर भी चल पड़ते हैं
बच्चे हैं फिर भी कितना मासूम भरोसा रखते हैं।
कैसी भी थकावट हो उतर जाती है
लिए गिलास में पानी बेटी जब आती है।।
Seema Priyadarshini sahay
20-Jul-2022 06:25 PM
बहुत खूबसूरत
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Anshumandwivedi426
20-Jul-2022 09:42 PM
सहृदय धन्यवाद
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Abhinav ji
20-Jul-2022 09:16 AM
Very nice👍
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Anshumandwivedi426
20-Jul-2022 10:08 AM
Thanks a lot
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Raziya bano
20-Jul-2022 08:51 AM
Bahut khub
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Anshumandwivedi426
20-Jul-2022 10:08 AM
Thanks a lot
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